You are currently viewing Nature and Importance of Education – शिक्षा का स्वरूप एवं महत्व

Nature and Importance of Education – शिक्षा का स्वरूप एवं महत्व

शिक्षा मानव जीवन का एक मजबूत स्तंभ है जो मानव को उसकी मंजिल तक पहुंचने में मजबूती प्रदान करती है जैसा कि हम सब जानते हैं कि सी है कि बिना शिक्षा के मानव जीवन निरर्थक है. शिक्षा मानव को उसके वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुसार ढलने में उसकी मदद करती है।  आज के समय में शिक्षा का महत्व हर व्यक्ति समझता है फिर भी इसे समझाने के लिए अधिक करने चाहिए।  प्राचीन समय  से ही शिक्षा का योगदान रहा है शिक्षा की प्रक्रिया में बदलाव भले ही समय के अनुसार होते रहे परंतु शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति का विकास करना ही होता है चाहे मानसिक हो शारीरिक हो या सामाजिक विकास हो वर्तमान समय में शिक्षा के महत्व को समझना और अधिक आवश्यक हो गया है क्योंकि शिक्षा के बिना व्यक्ति समाज के साथ सामंजस्य बनाने में असमर्थ होता है। 

वर्तमान समय में शिक्षा का जो स्वरूप जिस प्रकार का हमारे सामने उभर कर आया है इस विषय में हमने कभी विचार नहीं किया था। आधुनिक समय में शिक्षा में तकनीकों का इस्तेमाल उच्च स्तर पर किया जा रहा है। शिक्षा का माध्यम अब मोबाइल, कंप्यूटर एवं ऑनलाइन (इंटरनेट) हो गया है, हालांकि हम इनकी सहायता पहले भी लेते आए हैं परंतु इस समय बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने का माध्यम यही साधन है।   यह सब  कोविड-19 महामारी के कारण हुआ है। इस महामारी ने मनुष्य के सभी पक्षों को प्रभावित किया है. इससे शिक्षा भी प्रभावित हुई है।   कोविड-19 महामारी से पहले हम  बच्चों को मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि का कम उपयोग करने देते थे, लेकिन अब हम अपने बच्चों को शिक्षित करने के लिए इन तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं (यह जानते हुए भी की रेडिएशन से व इनका ज़्यादा प्रयोग उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालेगा ) इसलिए अभिभावकों को भी समझना चाहिए कि हम हमारे बच्चों को इन तकनीकों का इस्तेमाल उचित व सही तरीके से प्रयोग करना सिखाए ताकि हमारे बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों का उचित ढंग से प्रयोग करना सिख सके।

हम सबको इस महामारी के कारण अपने देश के भविष्य को प्रभावित नहीं होने देना चाहिए और हम जानते हैं कि हमारा भविष्य छात्र  और युवा छात्र  हैं इसलिए यह समाज के प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि किसी भी कारणवश उनकी शिक्षा प्रभावित ना हो।  इनकी शिक्षा प्रभावित होती है तो हमारे देश का भविष्य भी प्रभावित होगा।

इसलिए वर्तमान समय में हमारी शिक्षा प्रणाली में जो कठिनाइयां आ रही है उनको मद्देनजर रखते हुए हमें भविष्य के लिए इस प्रकार की रणनीतियां तैयार करनी होगी जिसमें हम पारंपरिक और तकनीकी सहयोग से एक नई शिक्षण प्रणाली तैयार कर सकें जो बच्चों के लिए उसी प्रकार उत्तम हो जिस प्रकार इस महामारी से पहले की शिक्षा प्रणाली थी।

भविष्य की तैयारी करते समय हमें कुछ अहम बिंदुओं पर विचार करना होगा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों तक इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होना। उचित प्रकार के हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर की उपलब्धता। इन सुविधाओं को कम से कम लागत में सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध करवाना।

Ravinder Saini
Assistant Professor
Special Education
Faculty of Education
SGT University